This place is Obra village, near gogunta, Udaipur, southern district of Rajasthan.
पानी सबको चाहिये , चाहे वो मनुष्य हो या जानवर या जनावर , आरावली की पहाडियों के मध्य बसा हमारा आपना उदैपुर , राजस्थान में खेतो में पिलाई (सिचाई ) के लिए और पिने के पानी का मुख्य श्रोअत कुआ है, पानी कुओ से निकालना है तो कुछ तो करना पड़ेगा , पसु धन यहाँ बहुत ह, सो रहटी को बनाया गया , इसमें मजबूत रससी से एक सिदिनुमा चैन बनाते ह , इस चैन में मिटटी के मटके जो लम्बे होते ह (सुरी नुमा ) को जोड़ा जाता ह , इस चैन को मॉल कहते ह इसे गाव के सभी लोग मिलकर गुथते ह बनाते ह, फिर इसे लकड़ी की बड़ी चक्री पर लगते ह, ये चक्री एक दूसरी चक्री से चलती ह उस दूसरी चक्री को बेलो (गाय के पति ) से गुमाते है, बेलो के गुमने से चक्री गुमते ह , ताकि जब वो चक्री गुमेगी तो कुआ का पानी उस चैन में लगे बर्तनों से ऊपर तक आ जायगा , फिर वो पानी वहा गिरता ह , यहाँ से पानी धोरो से होता हुआ खेतो में जाता ह, वहा पिलाई होती ह , और वाही कुआ से पिने वाले पानी बर्तनों में मटकी में भरके अपने घर ले जाते ह., जब कभी वो रहट ख़राब हो जाता ह तो गाव के सभी मिलकर उसे ठीक करते है , और पानी बहता रहता है,
आजकल लोग मिटटी के सुरैओ और रस्सी की जगह लोहे के डिब्बो और चैन का उपयोग करते है,
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This place is Obra village, near gogunta, Udaipur, southern district of Rajasthan.
पानी सबको चाहिये , चाहे वो मनुष्य हो या जानवर या जनावर , आरावली की पहाडियों के मध्य बसा हमारा आपना उदैपुर , राजस्थान में खेतो में पिलाई (सिचाई ) के लिए और पिने के पानी का मुख्य श्रोअत कुआ है, पानी कुओ से निकालना है तो कुछ तो करना पड़ेगा , पसु धन यहाँ बहुत ह, सो रहटी को बनाया गया , इसमें मजबूत रससी से एक सिदिनुमा चैन बनाते ह , इस चैन में मिटटी के मटके जो लम्बे होते ह (सुरी नुमा ) को जोड़ा जाता ह , इस चैन को मॉल कहते ह इसे गाव के सभी लोग मिलकर गुथते ह बनाते ह, फिर इसे लकड़ी की बड़ी चक्री पर लगते ह, ये चक्री एक दूसरी चक्री से चलती ह उस दूसरी चक्री को बेलो (गाय के पति ) से गुमाते है, बेलो के गुमने से चक्री गुमते ह , ताकि जब वो चक्री गुमेगी तो कुआ का पानी उस चैन में लगे बर्तनों से ऊपर तक आ जायगा , फिर वो पानी वहा गिरता ह , यहाँ से पानी धोरो से होता हुआ खेतो में जाता ह, वहा पिलाई होती ह , और वाही कुआ से पिने वाले पानी बर्तनों में मटकी में भरके अपने घर ले जाते ह., जब कभी वो रहट ख़राब हो जाता ह तो गाव के सभी मिलकर उसे ठीक करते है , और पानी बहता रहता है,
Great. Where was this photographed. Can you tell us a little history about this method?